Maukhik Badlen Wale Jamin: मौखिक बदलेन की गई भूमि पर उसके मूल रैयतों का होगा अधिकार, देखे नियम क्या है?

Maukhik Badlen Wale Jamin

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आप सभी का हमारे नए आर्टिकल पर दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको Maukhik Badlen Wale Jamin के बारे में बताएंगे, इसके साथ हम आपको बताने की कोशिश करेंगे यदि कोई व्यक्ति पुराने जमीन को बिना किसी कोर्ट बटवारा के मौखिक रूप से जमीन का बटवारा किया तो उसके जमीन का क्या होगा।

इस आर्टिकल को कंप्लीट पढ़ने के बाद आप Maukhik Badlen Wale Jamin के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

Maukhik Badlen Wale Jamin Kise kahte hai

जब कोई दो व्यक्ति मौखिक रूप से बोलकर अपने जमीन का आपस में अदल-बदल कर लेते हैं तो ऐसी जमीन को Maukhik Badlen Wale Jamin कहा जाता है उदाहरण के तौर पर हम आपको समझते हैं। दो मित्र है जिनका नाम राजेश्वर और कन्हैया (काल्पनिक नाम) है। राजेश्वर का घर A नाम के गांव में है और कन्हैया का घर B नाम के गांव में है। राजेश्वर का जमीन कन्हैया के घर के पास और कन्हैया का जमीन राजेश्वर के घर के पास है।

दोनों मित्र का गांव अलग-अलग है इसीलिए दोनों को जमीन जोतने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है इसीलिए दोनों मित्र ने मौखिक रूप से अपनी जमीन को आपस में बंटवारा कर लिया जिस बटवारा के अंतर्गत जो जमीन पहले कन्हैया कथा वह राजेश्वर का हो गया और जो जमीन राजेश्वर कथा वह कन्हैया का हो गया। इस प्रकार की जमीन को Maukhik Badlen Wale Jamin कहा जाता है। यह बटवारा केवल विश्वास और भरोसा के आधार पर किया जाता है। इस प्रकार के बंटवारे में कानूनी प्रक्रिया करने की जरूरत नहीं होती है।

Maukhik Badlen Wale Jamin की कानूनी मान्यता है या नहीं।

Maukhik Badlen Wale Jamin को किसी प्रकार की कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है लेकिन इसमें दो प्रकार की कंडीशन है पहली स्थिति में यदि दोनों मित्र ने जमीन को मौखिक बटवारा कर लिया है और कोर्ट से स्टांप पेपर बनवाकर दोनों ने साइन कर दिया है तो उसे कानूनी मान्यता दिया जाएगा।

दूसरी स्थिति में यदि दोनों ने मौखिक बंटवारा किया है और कोर्ट कचहरी से किसी प्रकार का कोई स्टांप पेपर नहीं बनवाया है तो ऐसे जमीन का कानूनी मान्यता नहीं है और यह जमीन उनके मूल रैयतों के नाम से रहती है मौखिक बंटवारा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

उपयुक्त बात से आप समझ गए होंगे कि यदि आपने जमीन का मौखिक बंटवारा किया है तो आपको कोर्ट से स्टांप बनवाकर दोनों पक्षों की सहमति ले लेना अनिवार्य है नहीं तो भविष्य में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

Maukhik Badlen Wale Jamin के क्या क्या नुकसान है?

मौखिक रूप से बदली गई जमीन की बहुत सारे नुकसान है जो निम्नांकित है:

  • मौखिक रूप से बदली गई जमीन विवाद का मुख्य जड़ बनती है, क्योंकि मूल रैयत (मालिक) बाद में जमीन पर कब्जा कर लेते हैं।
  • लिखित दस्तावेज़ों के अभाव में इस प्रकार की जमीन पर किसी भी विवाद में कानून से मदद मिलना मुश्किल हो जाता है।
  • मित्रों या रिश्तेदारों के बीच विश्वास खत्म होने पर जमीन को लेकर झगड़े और विवाद खड़े हो जाते हैं।
  • पूर्वजों द्वारा किए गए मौखिक बंटवारे के कारण वर्तमान में कई विवाद उत्पन्न होते हैं।
  • इस प्रकार की विवादों में कई लोग उलझ जाते हैं और उन्हें न्याय पाने में कठिनाई होती है।
  • यदि मौखिक बंटवारे वाली जमीन पर कोई घर बना हुआ है, तो विवाद होने पर उस घर को तोड़ना पड़ सकता है।
  • मौखिक बंटवारे में पटवारी स्तर पर कोई ठोस प्रमाण नहीं होता, जिससे कानूनी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है।
  • जमीन का मालिकाना हक मूल रैयत के नाम से ही बना रहता है, जिससे विवाद और बढ़ता है।

Maukhik Badlen Wale Jamin या बांटने के स्थान पर हमेशा लिखित और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो।

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निष्कर्ष: इस प्रकार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको अपने अनुभव और कानूनी तौर तारी को को समझते हुए Maukhik Badlen Wale Jamin के बारे में सटीक जानकारी दिया हूं और मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद आएगी कृपया इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के बीच जरूर शेयर करें धन्यवाद।

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