Kaithi Lipi: बिहार भूमि सर्वे में कैथी लिपि वाले दस्तावेज के समस्या का हुआ समाधान, देखिए नया खबर।

Kaithi Lipi bhumi survey

नमस्कार दोस्तों, बिहार में पुराने दस्तावेज Kaithi Lipi में लिखी हुई है जिसको पढ़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम हो गई है। ऐसी स्थिति में भूमि सर्वे की प्रक्रिया को आसन बनाने में काफी दिक्कत हो रही है सरकार ने कैथी लिपि से जुड़ी समस्या का समाधान करना शुरू कर दिया है। आज किस आर्टिकल में हम आपको कैथी लिपि से जुड़ी समस्या का समाधान बताएंगे तथा हम साथ-साथ यह भी बताने का प्रयास करेंगे कि सरकार इन दस्तावेज को पढ़ने के लिए कौन-कौन से नए कदम उठा रही है।

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इसके लिए आपको आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़ना है तो चलिए शुरू करते हैं।

जमीन सर्वे में Kaithi Lipi का संकट: 70% दस्तावेज़ों की पढ़ाई में मुश्किल

बिहार सरकार ने बिना सोचे समझे जल्दबाजी में भूमि सर्वे की घोषणा करवा दिया लेकिन जैसे ही ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई तो पुराने दस्तावेज को पढ़ने में काफी दिक्कत हो रहा था और नए अमीन जो नियुक्त किए गए थे उनको भी Kaithi Lipi का ज्ञान नहीं था जिससे बिहार के 70% भूमि के दस्तावेज को आवेदन करने में कठिनाई का सामना हो रहा था।

सरकार को सर्वे का काम शुरू करने से पहले नए नियुक्त किए गए कर्मचारियों को Kaithi Lipi का प्रशिक्षण देना अनिवार्य था लेकिन सरकार ने ऐसा पहले नहीं किया इस समस्या का समाधान अब ढूंढा जाने लगा है आज के आर्टिकल में हम आपको इस समस्या के समाधान पर फोकस करेंगे।

Kaithi Lipi के प्रशिक्षण में सरकार की कोशिशें नाकाम, अब पुस्तिका के जरिए समाधान की ओर

सरकार ने अब सर्वे के काम को आसान बनाने के लिए सर्वे कर्मियों को Kaithi Lipi का प्रशिक्षण देने की तरफ ध्यान आकर्षित करवा रही है जिसके लिए अब शिविर प्रभारी के अलावा बिहार के राजस्व अधिकारी, अंचल अधिकारी और भूमि सुधार उपसमाहर्ता एवं अपर समाहर्ताओं के बीच कैथॉल्पी से संबंधित पुस्तक बांटी जाएगी और इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

Kaithi Lipi से जुड़े पुस्तक को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाएगा ताकि इस भाषा का ज्ञान आम जनता के बीच फैल जाएगा और सभी लोग अपने दस्तावेज को आसानी से पढ़ेंगे। कैथी लिपि में पुस्तक छापने के बाद पुराने सभी दस्तावेज को पढ़ना बिल्कुल आसान हो जाएगा ताकि सर्वे के काम को और आसान बनाया जा सके।

Kaithi Lipi प्रशिक्षण और समाधान की योजना:

  1. Kaithi Lipi विशेषज्ञों की सेवाएं:
    • राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने कैथी लिपि के जानकारों की सेवाएं ली हैं।
    • ये विशेषज्ञ प्राथमिकता के आधार पर प्रशिक्षण देने के लिए जिलों में जा रहे हैं।
  2. प्राथमिकता वाले जिले:
    • प्रशिक्षण पहले उन जिलों में दिया जा रहा है, जहां पुराने या पुश्तैनी (कैडेस्टल) खतियान की संख्या अधिक है।
    • इन जिलों में राजस्व संबंधित सभी कार्य कैडेस्ट्रल खतियान के आधार पर होते हैं।
  3. प्रशिक्षण में समस्या:
    • प्रशिक्षण के बावजूद कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेजों को पढ़ने में लगातार परेशानी की खबरें आ रही हैं।
  4. Kaithi Lipi पुस्तिका का प्रकाशन:
    • राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक पुस्तिका छपवाने का निर्णय लिया है, जिसे सर्वे कर्मियों और राजस्व अधिकारियों के बीच बांटा जाएगा।
  5. पुस्तिका वितरण:
    • पुस्तिका को अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी, राजस्व कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों, अंचल अधिकारियों, भूमि सुधार उप-समाहर्ताओं, और अपर समाहर्ताओं के बीच वितरित किया जाएगा।
  6. ऑनलाइन उपलब्धता:
    • पुस्तिका को सर्वे निदेशालय की वेबसाइट और विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाएगा।
  7. अखबार में विज्ञापन:
    • पुस्तिका के बारे में एक पेज का विज्ञापन अखबारों में भी दिया जाएगा।

भूमि सर्वे के शुरू होने के पहले ही बिहार के 929 गांव में विशेष सर्वेक्षण खतियान और नशे का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है लेकिन कुछ औपचारिकताएं ऐसी है जो कंप्लीट नहीं हो पाई है जैसे कि Kaithi Lipi को कैसे पढ़ा जाए तो इसको जल्दी ही कंप्लीट किया जाएगा और बिहार के सभी जिलों में कैथोलिक से संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और मुफ्त में पुस्तक के बांटी जाएगी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी कैथोलिक से जुड़ी पुस्तक बांटी जाएगी।

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इस प्रकार, दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बिहार में भूमि सर्वे से जुड़ी Kaithi Lipi के समस्या तथा उसके समाधान के बारे में बताया हूं हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा कृपया इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के बीच जरूर शेयर करें धन्यवाद।

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