बिहार सरकार द्वारा भूमि विवादों को सुलझाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अद्यतन अभिलेख तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देशानुसार, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा बिहार विशेष सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) एवं बंदोबस्त जागरूकता अभियान श्रृंखला-2 के तहत ज़मीनी कार्य तेज़ी से जारी है।
यह अभियान न केवल भूमि से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट करेगा, बल्कि आम जनता को भी उनके भू-स्वामित्व की जानकारी देगा। जानिए इस प्रक्रिया से जुड़ी हर अहम जानकारी:
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🧾 चरण 1: भूमि अधिसूचना एवं विवरण – भरें प्रपत्र-2
इस चरण में सर्वेक्षण से पहले अधिसूचना जारी की जाती है। हर ज़मीन मालिक यानी रैयत को प्रपत्र-2 भरना होता है, जिसमें उन्हें अपनी ज़मीन का पूरा विवरण देना होता है। अमीन (सरकारी कर्मी) पुराने खतियान की जांच कर प्रमाण तैयार करते हैं।
🗺️ चरण 2: नक्शा निर्माण – ज़मीन की भौगोलिक पहचान
इस चरण में हर प्लॉट की सीमाओं के अनुसार नक्शा तैयार किया जाता है। खेसरा संख्या और भौगोलिक स्थिति के आधार पर बनाई गई यह मैपिंग भविष्य में किसी भी ज़मीन विवाद को सुलझाने में मददगार होगी।
📝 चरण 3: स्वामित्व निर्धारण और दावे का पंजीकरण
इस चरण में नक्शे के आधार पर हर खेसरा के मालिकाना हक़ की जांच की जाती है। दस्तावेजों की सत्यता के आधार पर रैयतों के दावे दर्ज किए जाते हैं।
❗ चरण 4: आपत्ति निवारण – सुनवाई और समाधान
अगर किसी रैयत को सर्वेक्षण में आपत्ति हो, तो वह इस चरण में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। पंचायत स्तर पर किश्तवार और खानापूरी के दौरान ये आपत्तियाँ सुनी जाती हैं और विधिवत समाधान किया जाता है।
📜 चरण 5: अभिलेख प्रकाशन और लगान निर्धारण
सभी आपत्तियों के निपटारे के बाद संबंधित भूमि पर लगान निर्धारण किया जाता है। इसके बाद अभिलेखों का प्रकाशन होता है और रैयतों के साथ बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है।
⚖️ चरण 6: अंतिम सुनवाई और विवाद निपटारा
यदि अंतिम अभिलेख के प्रकाशन के बाद भी कोई आपत्ति आती है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम सुनवाई की जाती है और पूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जाता है।
📢 आम जनता से अपील
जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार द्वारा सभी नागरिकों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वे इस विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अभियान में पूर्ण सहयोग करें। समय पर दस्तावेज जमा करें और आवश्यक जानकारी दें ताकि:
- भूमि अधिकार सुरक्षित रह सकें
- ज़मीन से जुड़े विवाद सुलझ सकें
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुँच सके
🔍 निष्कर्ष
बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त अभियान एक ऐतिहासिक पहल है, जो भूमि प्रबंधन को पारदर्शी, सटीक और विवाद रहित बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह अभियान हर रैयत के लिए ज़रूरी है। आइए, इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपनी भूमि का स्वामित्व अधिकार सुनिश्चित करें।
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